
राय बहादुर कंदुकुरी वीरसलिंगम पंतुलु (16 अप्रैल 1848 – 27 मई 1919) ब्रिटिश भारत के मद्रास प्रेसीडेंसी के एक समाज सुधारक और लेखक थे।
उन्हें तेलुगु पुनर्जागरण आंदोलन का जनक माना जाता है।
वे प्रारंभिक समाज सुधारकों में से एक थे जिन्होंने महिलाओं की शिक्षा और विधवाओं के पुनर्विवाह को प्रोत्साहित किया |
इन्होने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी।
इन्होने 1874 में दोलईश्वरम में एक स्कूल शुरू किया |
1887 में ‘ब्रह्मो मंदिर’ का निर्माण किया और आंध्र प्रदेश में 1908 में ‘हितकारिणी स्कूल’ का निर्माण किया।
इनके द्वारा लिखित उपन्यास राजशेखर चरित्रमु को तेलुगु साहित्य का पहला उपन्यास माना जाता है।
इन्हें आंध्र का राजा राम मोहन राय माना जाता है।
इनके द्वारा विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राजमुंद्री सोशल रिफॉर्म एसोसिएशन की स्थापना की गयी थी |