माउंट आबू से कुछ दूरी पर स्थित
स्थापना – लगभग 57 ई. पू. मौर्य गवर्नर राजा पांडू के द्वारा |
परमार शासकों द्वारा इसे अपनी राजधानी के रूप में विकसित किया गया |
सोमधर्म द्वारा रचित उपदेश सप्तसति ग्रन्थ में 444 जैन मंदिर तथा 999 अन्य मंदिरों का उल्लेख किया गया है |
यहाँ से विभिन्न आकार प्रकार वाली बीस इमारतें मिली हैं |
यहाँ से मिली 138 मूर्तियों में त्रयम्बक (तीन मुँह वाली आकृति ) घुटने पर बैठी हुई स्त्री, बीस भुजाओं वाले शिव, जिनके बाएँ ओर एक महिष है और दाहिना पैर उठाकर गरुड़ जैसी आकृति पर रखा हुआ है |
महाकाल की बीस भुजाओं वाली प्रतिमा भी मिली है |