ये करंट अफेयर सीरीज RAS 2022 (आरएएस 2022) के लिए शुरू की गयी है जो की प्री तथा मेंस दोनों के लिए बहुत उपयोगी है।
PRELIMS : विश्व, भारत और राजस्थान का भूगोल, करंट अफेयर्स
MAINS : पेपर 1 यूनिट II -इकोनॉमी; पेपर II यूनिट III -भूगोल और भूविज्ञान; पेपर III यूनिट I- करंट अफेयर्स
चर्चा में क्यों
कोयले के स्टॉक में गिरावट के कारण, भारत के कई राज्य ‘बिजली आउटेज’ की समस्या का सामना कर रहे हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 100 से अधिक ताप विद्युत संयंत्रों में कोयला स्टॉक (जिस पर भारत की 70% बिजली की मांग निर्भर है) आवश्यक स्टॉक के 25% से नीचे गिर गई है।
कोयला
कोयले से निकलने वाली बिजली को ‘थर्मल पावर’ कहा जाता है।
कोयला उत्पादक देश –
- चीन
- भारत
- इंडोनेशिया
- यूएसए
कोयले के प्रकार-
एन्थ्रेसाइट
बिटुमिनस
लिग्नाइट
पीट
राजस्थान
कुल स्थापित क्षमता : 21835.90 मेगावाट (2021)
थर्मल – 12782.46 मेगावाट (58.54%)
हाइड्रो – 1757.95 मेगावाट (8.05%)
सौर – 2178.10 मेगावाट (9.97%)
पवन – 3734.10 मेगावाट (17.10%)
गैस आधारित – 824.6 मेगावाट (3.78%)
राजस्थान का कोयला उत्पादक क्षेत्र
राजस्थान में बाड़मेर में कोयले का सबसे अधिक भंडारण और क्षमता है।
राजस्थान में अधिकांश कोयला लिग्नाइट के रूप में पाया जाता है।
बाड़मेर – कपूरडी – जलिपा, गिरल, भद्रेसी
बीकानेर – पालना – बरसिंहसर, गुढ़ा
नागौर – माता-सुख-कसनौ-इगियारी
प्रभाव
यदि उद्योगों को अपनी बिजली की खपत कम करने के लिए कहा जाता है, तो यह भारत के आर्थिक विकास को प्रभावित करेगा।
‘पावर आउटेज’ के कारण महानगरों, अस्पतालों और स्कूलों जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
कारण
1) बिजली की बढ़ती मांग –
A) कोविड के बाद आर्थिक सुधार के कारण (बिजली की मांग में वृद्धि)
B) कई राज्यों में लू की स्थिति।
2) अक्टूबर में कोयले की इसी तरह की कमी हुई थी, उस समय सरकार ने कम आपूर्ति के लिए ‘कोयला खनन क्षेत्रों में भारी बारिश’ का हवाला दिया था।
3) बढ़ती कीमत के कारण ‘कोयला आयात’ में कटौती के कारण (2022 में कोयले का आयात 38 मिलियन टन कम हुआ)।
4) रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक आपूर्ति में व्यवधान ने कोयले की कीमतों को ऐतिहासिक ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।
5) केवल आयातित कोयले पर काम करने वाले थर्मल पावर प्लांट अपनी पूरी क्षमता से बिजली उपलब्ध नहीं करा रहे हैं |
समाधान
1) कोयला आधारित बिजली उत्पादन संयंत्रों से दूर ‘नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों’ की ओर बढ़ना।
A) सरकार इस क्षेत्र में अच्छा कर रही है और पहले ही रुपये खर्च कर चुकी है। अक्षय ऊर्जा से संबंधित विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए मार्च 2021-22 तक 3793 करोड़।
ख) कुल 152.90 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित की गई है।
C) पीएम ने COP26 में घोषणा की है कि भारत 2030 तक जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 GW बिजली क्षमता स्थापित करने की इच्छा रखता है।
2) बिजली का बेहतर संचरण और भंडारण।
3) जनता के बीच ऊर्जा-कुशल व्यवहार जैसे कि आवश्यकता न होने पर लाइट बंद करना, गैर- आवश्यक विद्युत उपकरणों के उपयोग को रोकना।